वान हाय 503 स्फोट: चुकीच्या माल घोषणेमुळे नवी मुंबई एजंट DRIच्या रडारवर

BIG BREAKING: वान हाय 503 जहाज़ विस्फोट कांड: नवी मुंबई के दो एजेंट DRI के शिकंजे में! गलत माल जानकारी से अरब सागर में मची थी तबाही?
एपीएमसी न्यूज नेटवर्क : अरब सागर में हुए भीषण विस्फोट के बाद एक बार फिर भारत के समुद्री सुरक्षा तंत्र और लॉजिस्टिक्स व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। सिंगापुर के झंडे वाले कंटेनर शिप – वान हाय 503 – में विस्फोट के बाद लगी आग ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्ग पर हड़कंप मचा दिया है। और अब इस मामले की जांच की आंच पहुंची है सीधे नवी मुंबई तक!”
“सूत्रों के मुताबिक, राजस्व खुफिया निदेशालय यानी DRI ने नवी मुंबई स्थित न्हावा शेवा बंदरगाह पर काम करने वाले दो शिपिंग एजेंट्स को अपनी रडार पर लिया है। इन एजेंट्स पर संदेह है कि उन्होंने जहाज पर लदे कई कंटेनरों की जानकारी या तो अधूरी दी या जानबूझकर गलत घोषित की थी।”
“वान हाय 503 पर कुल 1,754 कंटेनर थे, जिनमें से 157 को खतरनाक माल के रूप में घोषित किया गया था जैसा कि अंतरराष्ट्रीय IMDG कोड की मांग है। लेकिन बाकी 1,597 कंटेनरों को सिर्फ ‘जनरल कार्गो’ कहकर छोड़ दिया गया। और अब इन्हीं कंटेनरों में से किसी में विस्फोटक या ज्वलनशील सामग्री छुपे होने की आशंका जताई जा रही है।”
“शिपिंग कंपनी वान हाय लाइन्स ने पहले ही स्पष्ट कर रखा है यदि कोई एजेंसी खतरनाक माल की जानकारी छुपाती है तो उसे प्रति कंटेनर $30,000 (₹26 लाख) तक का जुर्माना भरना पड़ेगा। और गलत घोषणाओं पर $20,000 (₹17 लाख) का दंड तय किया गया है।”
“फिलहाल, जांच एजेंसियां इस बात का पता लगाने में जुटी हैं कि कहीं किसी कंटेनर में छुपा असल माल ही इस विस्फोट की असली वजह तो नहीं था। क्या यह कोई बड़ी साजिश है या व्यापारिक लापरवाही?
DRI की जांच कहां तक जाएगी? और क्या इसके बाद समुद्री व्यापार में कोई बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा?