अखरोट की आड़ में 44 करोड़ की टैक्स चोरी; बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

44 करोड़ टैक्स चोरी में मुंबई APMC अखरोट माफिया को राहत! दीपक और स्नेह ककड़िया को अग्रिम जमानत – 5 करोड़ जमा करना अनिवार्य-मुंबई हाईकोर्ट का आदेश
बाप-बेटे की ड्रायफ्रूट सिंडिकेट पर DRI की बड़ी कार्रवाई – हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की मांग तेज
मुंबई | APMC न्यूज़ नेटवर्क: देश के सबसे बड़े ड्रायफ्रूट टैक्स चोरी घोटालों में शामिल मुंबई के चर्चित अखरोट व्यापारी दीपक धरमसिंहभाई ककड़िया और उनके बेटे स्नेह दीपकभाई ककड़िया को मुंबई उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत मिल गई है।हालांकि अदालत ने साफ कर दिया कि 5 करोड़ रुपये की रकम DRI के पास जमा करना अनिवार्य होगा और जांच में पूरा सहयोग देना होगा।
यह मामला ₹44 करोड़ की कस्टम ड्यूटी चोरी से जुड़ा है, जिसमें आरोप है कि चिली से आयात किए गए अखरोट की कीमत को जानबूझकर कम दिखाया गया, और दुबई की शेल कंपनियों के माध्यम से फर्जी इनवॉइस तैयार कर सरकार को बड़े पैमाने पर चूना लगाया गया।
कैसे फूटा ड्रायफ्रूट घोटाला?
• मामला नवी मुंबई एपीएमसी मसाला मार्केट के F-29 गाला से शुरू हुआ, लेकिन अब इसकी जड़ें पुणे, सूरत, इंदौर, दिल्ली तक फैल चुकी हैं।
• दुबई स्थित Euro Seven General Trading LLC के ज़रिए असली इनवॉइस छुपाए गए और भारतीय कस्टम को झूठे दस्तावेज़ सौंपे गए।
• DRI (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) की जांच में खुलासा हुआ कि पूरे ड्रायफ्रूट कारोबार की आड़ में हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों को अंजाम दिया जा रहा था।
-मुख्य आरोपी और उनकी भूमिका
नाम भूमिका
दीपक धरमसिंहभाई ककड़िया प्रमुख कारोबारी, फर्मों के संचालनकर्ता
स्नेह दीपकभाई ककड़िया बेटा, दुबई स्थित कंपनी का प्रतिनिधि
अन्य दो सदस्य भतीजा और माता – संयुक्त जमानत आवेदक
इन संस्थाओं के नाम पर हुआ था फर्जी आयात:
• M/s Deepak Trading Company
• M/s Angel Enterprises
• M/s Deepak Kirana Stores
• M/s BV FEB
आरोपों की बारीकियां
• आरोपियों ने दुबई से ₹2.70 प्रति किलो की बजाय ₹1.50 प्रति किलो के इनवॉइस भारतीय कस्टम्स को सौंपे।
• चिली स्थित सप्लायर्स ने असली इनवॉइस ईमेल से DRI को भेजे।
• स्नेह ककड़िया ने फर्जी इनवॉइस पर दुबई कंपनी के प्रतिनिधि के रूप में हस्ताक्षर किए।
• सरकार को अनुमानित ₹44 करोड़ से अधिक का राजस्व नुकसान हुआ।
DRI की कार्रवाई और विरोध
• फरवरी 2025 में कई ठिकानों पर छापेमारी की गई।
• स्नेह ककड़िया को गिरफ्तार कर Remand Application No. 485/2025 के तहत कोर्ट में पेश किया गया।
• DRI ने अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी:
• साक्ष्य मिटा सकते हैं
• गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं
• जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं
कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति आर. एन. लड्ढा की एकल पीठ ने कहा:
• आरोपी कस्टम अधिनियम की धारा 137(3) के अंतर्गत कंपाउंडिंग प्रक्रिया अपनाने को तैयार हैं।
• ₹5 करोड़ की राशि स्वेच्छा से जमा करने की इच्छा जताई है।
• आरोपियों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
• दस्तावेज़ आधारित सबूतों के कारण साक्ष्य से छेड़छाड़ की संभावना कम है।
• पूछताछ वकील की मौजूदगी और वीडियोग्राफी के साथ होगी।
अग्रिम जमानत की शर्तें
1. ₹5 करोड़ की राशि DRI कार्यालय में जमा करनी होगी।
2. जांच में पूरा सहयोग अनिवार्य।
3. वकील की दृश्य लेकिन श्रवण दूरी पर मौजूदगी में पूछताछ होगी।
4. संपूर्ण पूछताछ की वीडियोग्राफी जरूरी।
5. गवाहों या साक्ष्यों पर कोई प्रभाव नहीं डाला जाएगा।
आगे क्या?
• DRI के बाद अब ED (प्रवर्तन निदेशालय) और GST विभाग भी जांच में उतर सकते हैं।
• सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस केस में कर चोरी, हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं को लेकर संबंधित मंत्रालयों में जाने की तैयारी शुरू कर दी है।
• मसाला मार्केट के कई अन्य व्यापारी भी DRI की रडार पर हैं।
निष्कर्ष
ड्रायफ्रूट की टोकरियों में टैक्स चोरी का तड़का!
बनाम दीपक और स्नेह ककड़िया की इस बड़ी सिंडिकेट ने आयात कारोबार की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं।जहां आरोपी जमानत के सहारे राहत की कोशिश में हैं, वहीं जांच एजेंसियों ने शिकंजा और कसने के संकेत दे दिए हैं।यह मामला अब महज टैक्स चोरी नहीं बल्कि एक संगठित आर्थिक अपराध के रूप में उभर चुका है।